शायद वफ़ा नही
मै उसको क्यू बेवफा कहू
जो किस्मत में वफा नही ।
मै उसको क्यू दोष दू
जो दोष के काबिल नहीं ।
मै खुद को क्या कहू
जो मतलब न जाने की क्या था सही ।
शायद किस्मत में न वफा
बे वफ़ा किस्मत ही सही ।
न जाने क्यू याद करके बेचैन होता हूँ
जिसका कोई हल नहीं ..........
फिर कहता हूँ शायद वफा नहीं ..........
dil tor ke hansti ho mera vafaye meri yad karogi.heart breaking......................................................
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