Wednesday, January 12, 2011

शायद वफ़ा नही



मै उसको क्यू बेवफा कहू
जो किस्मत में वफा नही ।
मै उसको क्यू दोष दू
जो दोष के काबिल नहीं ।
मै खुद को क्या कहू
जो मतलब न जाने की क्या था सही ।
शायद किस्मत में न वफा
बे वफ़ा किस्मत ही सही ।
न जाने क्यू याद करके बेचैन होता हूँ
जिसका कोई हल नहीं ..........
फिर कहता हूँ शायद वफा नहीं ..........

मुझको पता नही


न जाने मै चाहता था क्यू ?
मुझको पता नहीं ................
दिवाना बन बैठा था क्यू ?
मुझको पता नहीं ...............
मुझको चिढाती थी परेशान करती थी क्यू ?
मुझको पता नहीं ................
वह कहती थी तुम पागल हो क्यू ?
मुझको पता नहीं ................
लेकिन मेरा बहुत ख्याल रखती थी क्यू ?
मुझको पता नहीं ................
वह अभी भी बहुत याद आती है क्यू ?
मुझको पता नहीं ................
मुझको पता नहीं ................

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manoj star

pani aur pasene me bhauth fark hai,
      pathar aur nagene me bhauth fark hai
          jindgi saan se jiyo navjavno
                  kyoki jindgi jeene aur katne me bhauth fark hai.

Tuesday, January 11, 2011

दुनिया की ख्वाइस

 

जाने के बाद क्यों भुलाती है ये दुनिया,
हँसाने के बाद क्यों रुलाती है ये दुनीया। क्या जिन्दगी में कुछ कसर बाकी रहती है ,
जो मरने के बाद जलाती है ये दुनिया ।
 

kyo ki