MANOJ * STAR
Saturday, July 23, 2011
जाने के बाद क्यों भुलाती है ये दुनिया,
हँसाने के बाद क्यों रुलाती है ये दुनीया।
क्या जिन्दगी में कुछ कसर बाकी रहती है ,
जो मरने के बाद जलाती है ये दुनिया
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